संवाददाता सार्थक नायक
गुरसराय। हिंदी पत्रकारिता के पितामह गणेश शंकर विद्यार्थी के बलिदान दिवस पर शहर में विभिन्न कार्यक्रम हुए। लोगों ने उनकी प्रतिमा व चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और देश की आजादी में उनकी लेखनी के योगदान व संघर्षों के बारे में बताया ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की तहसील इकाई गरौठा ने क्रांतिकारी गणेश शंकर विद्यार्थी का बलिदान दिवस मनाया गया। गणेश शंकर विद्यार्थी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुंवर रामकुमार सिंह ने कहा कि कलम की ताकत हमेशा से ही तलवार से अधिक रही है और ऐसे कई पत्रकार हैं जिन्होंने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी। गणेशशंकर विद्यार्थी भी ऐसे ही पत्रकार रहे हैं जिन्होंने अपने कलम की ताकत से अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी। कार्यक्रम अतिथि तहसील अध्यक्ष अखिलेश तिवारी ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार तो थे साथ ही साथ समाजसेवी,स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य करने के कारण उन्हें पांच बार सश्रम कारागार और अर्थ दण्ड भी दिया गया था। उन्होंने 25 मार्च 1931 को कानपुर में हुए हिन्दू-मुस्लिम दंगे में निस्सहायों को बचाते हुए अपना बलिदान दिया.संचालन जिला महामंत्री सन्दीप श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर सुनील चौहान,आशुतोष गोस्वामी,सुनील जैन डीकू,कौशल किशोर,सोम मिश्रा,सार्थक नायक,हरीशचन्द नायक,आयुष त्रिपाठी,शौकीन खान,सुरेश सोनी सरसेड़ा,सुरेन्द्र यादव सहित कई मौजूद रहे।