श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र दो पवित्र प्रेमी हृदयों की मित्रता का उत्कृष्ट उदाहरण:साध्वी अनुप्रिया मिश्रा

संवाददाता सार्थक नायक

 

*गरौठा* खड़ोरा के पाखनी माता मन्दिर पर चल रही भागवत कथा मे व्यास पं साध्वी अनुप्रिया मिश्रा ने भगवान कृष्ण के परम सखा सुदामा जी का वर्णन करते हुए कहा सुदामा परम संतोषी ब्राह्मण थे।शास्त्रों में संतोषी को परम धनवान कहा गया है।उन्होंने कहा जिसकी सेवा में द्वारिका धीश एवं लक्ष्मी स्वयं लगे हों वह दरिद्र नहीं हो सकता।

कथा व्यास ने कहा भगवान को प्राप्त करने के लिए भक्ति मार्ग एवं ज्ञान मार्ग दो साधन बताए जिसमे भक्ति मार्ग को सबसे सरल साधन बताया।कलयुग में हरी नाम संकीर्तन सबसे बड़ा मुक्ति का साधन है।

कथा ब्यास ने दत्रात्र्येय के चौबीस गुरुओं का वर्णन करते हुए कहा कि विवेक की दृष्टि खुली हो तो शिक्षा कहीं से भी प्राप्त की जा सकती है।उन्होंने कहा कि शिक्षा के अनेक गुरु हो सकते है लेकिन दीक्षा गुरु एक ही होना चाहिए।

संगीतमय भागवत कथा में भजनों की प्रस्तुति पर श्रोता नाच उठे।भजन गायक एवं ऑर्गन पर रब्बू अजनबी, ढोलक पर भगवान सिंह सकरार, पैड पर रविंद्र गोस्वामी ने संगत की।भागवत का मूल पाठ एवं पूजन आचार्य दीपेंद्र शास्त्री रावत खदरका,राघवेन्द्र शास्त्री ने किया।

कथा के आयोजक घासीराम मिश्रा पुरेत ने भागवत की आरती की।

इस मौके पर नाथूराम सरपंच,संगीत के गुरु बुंदेलखंड के प्रसिद्ध सितार बादक पं परशुराम पाठक ,भानुप्रताप लंबरदार,रविन्द्र पाठक, भाजपा सेक्टर संयोजक सुमित पाठक,ओमप्रकाश सोनी,महेश तिवारी,अखिलेश मिश्रा, सरजू शरण पाठक, लोकनाथ अरजरिया,महेंद्र मिश्रा, नरेंद्र मिश्रा ,हेमंत मिश्रा,अखिलेश तिवारी, कन्हैया लाल मिश्रा शिबकुमार मिश्रा, दिनेश तिवारी, ओमप्रकाश मिश्रा, बिनोद तिवारी, बीरेन्द्र मिश्रा, बिटोली मिश्रा, ओमनारायण मिश्रा, राम शरण मिश्रा, सुरेश मिश्रा उदय भान मिश्रा, सतराम नापित डॉ दशरथ प्रसाद,हरिमोहन गुप्ता, सुनील सेन आदि उपस्थित रहे।

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