पराली जलाने से पर्यावरण में होने वाले दुष्प्रभाव के संबंध में लोगों को उ०नि० कुमार प्रतीक ने किया जागरूक

शाहजहांपुर(झांसी)- पराली जलाने से पर्यावरण में होने वाले दुष्प्रभाव के संबंध में लोगों को जागरूक करते हुए उ०नि० कुमार प्रतीक कस्बा व थाना शाहजहॉपुर जनपद झांसी ने बताया कि फसल अवशेष जलाये जाने से हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए निम्न व्यवस्था की गई है।

कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ यथासंभव सुपर एसएमएस का प्रयोग किया जाये. जिससे पराली प्रबन्धन कटाई के समय ही हो जाये, इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि सुपर एसएमएस के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र जैसे स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक, बेलर व मलचर, पैडी स्ट्रा चाँपर, श्रव मास्टर, रोटरी स्लेशर, रिर्वसेबुल एमबी प्लाऊ का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जा सकता है, जिससे खेत में फसल अवशेष बंडल बनाकर अन्य उपयोग में लाया जा सकें अथवा काट कर मिट्टी में मिलाया जा सके. ताकि पराली से संबंधित समस्या उत्पन्न ना हो।

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