पूँछ झाँसी- समीपस्त ग्राम कायला बन सरकार में साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ के चौथे दिवस कथा बाचिका पूनम शास्त्री ने स्रोताओं को बताया कि अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है जो कि साथ रहते हुए उसी का पतन करता है जो अहंकार से ग्रसित है रावण और कंस एक अच्छा शासक तो दूसरा अच्छा भाई लेकिन जब अहंकार के अंकुर दौनो के हृदय में फूटा तो एक के बाद एक अनेकों पाप करते चले गए परिणाम स्वरूप अपने परिजनों सहित गौ लोक वाषी हुए जब कंस ने अहंकार के चलते अपने पिता को बन्दी बना लिया साथ ही अपनी प्रजा पर अनेकों प्रकार से अत्याचार किये यहाँ तक कि भविष्यवाणी के बाद अपनी सबसे प्रिय बहन देवकी व बासुदेव जी को कारागार में बन्द कर देवकी जे गर्भ से जन्मे छह बच्चों की हत्या कर दी ऐसे अत्याचार जब पृथ्वी भी थर्राने लगी तो भगवान स्वमं चतुर्भुज रूप में कंस के कारागार में प्रकट हुए साथ ही बाल लीलाएँ करते हुए खेल खेल में ही दुराचारी कंस का वध कर दिया भगवान जे जन्म के साथ ही जन्म की भव्य झांकी सजाई गई वही आरती के बाद लोगो मे मिष्ठान वितरण किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से मन्दिर समिति अध्यक्ष हीरालाल यादव, परीक्षत लली पाल, मानवेन्द्र सिंह, महेश पाल, श्री राम यादव, जगत सिंह, बलराम सिंह, शतीस यादव, राजू सविता, पुष्पेन्द्र कुमार आदि मौजूद रहे।