कोचिंग सेंटर,प्राइवेट विद्यालयों की लूट खसूट से छात्र और अभिभावक परेशान

संवाददाता सार्थक नायक

 

गुरसरांय (झाँसी)।शासन के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते गुरसरांय कस्बे में धड़ल्ले से शिक्षा माफियाओं द्वारा अवैध कोचिंग सेंटर और प्राइवेट विद्यालयों का संचालन कर छात्रों और उनके अभिभावकों से मनमाफिक शासन की गाइडलाइन को दरकिनार करके फीस के नाम पर अबैध उगाही की जा रही हैं। कोचिंग सेंटरों पर जहां उनका पंजीयन और जगह भवन आदि आदि की सुविधाओं की स्थिति ओपन दिखानी पड़ती है। लेकिन गुरसरांय मे ऐसा कुछ भी ऑन

रिकॉर्ड से लेकर धरातल पर नही दिख रहा है और शासन के नियम विरुद्ध कोचिंग संचालक और प्राइवेट विद्यालयों द्वारा मनमाफिक फीस वसूली जा रही हैं। और तरह-तरह के बच्चों को और उनके अभिभावकों को बेहतरीन शिक्षा से लेकर नौकरी की मौखिक गारंटी का सब्जबाग दिखाया जा रहा है। इस सब अवैध कारोबार के लिए जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐसे अवैध कारोबार से जुड़े लोगों को कही न कही सुविधा शुल्क लेकर संरक्षण दिये हुए हैं। जब कोई जागरूक नागरिक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी या जिला विद्यालय निरीक्षक से उक्त संबंध में शिकायत करता है। तो बेसिक शिक्षा अधिकारी,और जिला विद्यालय निरीक्षक एक दूसरे की जिम्मेदारी कहने की बात करके अपना पल्ला झाड़ लेते है। गुरसरांय विकासखण्ड में तैनात खण्ड शिक्षा अधिकारी तो पूरी जानकारी रखते हुए कई प्राइवेट स्कूलों को अनदेखा कर संरक्षण दिये हुये हैं। जबकि चर्चा है कि 1 जुलाई 2023 को खण्ड शिक्षा अधिकारी का गुरसरांय से गैर जनपद शासन स्तर से स्थानांतरण हो चुका है लेकिन कही न कही अपनी ऊंची पहुँच के चलते अभी तक न ही कार्य मुक्त हुये हैं ना ही गुरसरांय अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे है। और जब से गुरसरांय तैनाती हुई है वह अपनी तैनाती क्षेत्र में नही रहते है। यहाँ तक कि कोचिंग सेंटर संचालक धड़ल्ले से टीम नींव क्लास के नाम से अपना ब्रांडेड शिक्षा केंद्र मानते हुए प्रचार वाहन तेज ध्वनि से पूरे कस्बे में प्रचार प्रसार के नाम शांति भंग का काम कर रहे है। कस्बा व क्षेंत्र के जागरूक लोगों ने इस संबंध में जिला प्रशासन और शासन से बड़ी कार्यवाही की मांग की है।

 

जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से छात्रों और युवायों को लगा झटका…….

 

 

 

गरौठा और टहरौली क्षेत्र का गुरसरांय प्रमुख केंद्र बिंदु है। जहाँ क्षेत्रों के लिए कोई भी राजकीय इंटर कालेज न होने से प्राइवेट विद्यालयों और कोचिंग सेंटरों की ओर मजबूरी में जाना पड़ता है। इसके साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार का विशेष फोकस है। मेडिकल फार्मेसी के क्षेत्र में टेक्निकल क्षेत्र में आदि आदि टेक्निकल व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चों और युवायों को मौका देकर उन्हे व्यवसायिक

से भी आत्मनिर्भर बनाया जाए और सौभाग्य से इस क्षेत्र के सांसद केंद्रीय मंत्री सूक्षम एवं लघु उधोग है और उनका पर्याप्त प्रभाव भी है वही क्षेत्रीय विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत भी इस क्षेत्र से लगातार दूसरी बार भारी मतों से विधायक चुने गए है और उनका प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी बेहतरीन संबंध है यहाँ तक कि मुख्यमंत्री जी उनकी किसी भी बात को नही टालते इसके बाबजूद जनप्रतिनिधियों की उदासीनता गैर जिम्मेदार कार्यशैली से यहाँ के क्षेत्रों से लेकर युवायों को रोजगार के लिए दर दर भटक कर दूसरे प्रदेशों में मजबूरी में जाना पड़ता है। काश जनप्रतिनिधियों ने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निर्वाह की होती तो गुरसरांय मे रोजगार के लिए टेक्निकल फ़ार्मेसी के क्षेत्र मे और छात्रों को राजकीय इंटर कॉलेज से लेकर उच्च शिक्षा के विधि, कृषि आदि आदि विद्यालयों की अभी तक स्थापना होती तो छात्रों अभिभावकों के साथ-साथ रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने का सुनहरा मौका मिलता। और दूसरे प्रदेशों में रोजगार के लिए दर दर की ठोकरे नही खानी पड़ती। जनप्रतिनिधियो को चाहिए कि इस संबंध में सर्वोच्च प्राथमिकता से पहल कर शिक्षा व रोजगार के लिए बेहतरीन शासकीय संस्थान की स्थापना करकर अपनी वास्तविक जिम्मेदारी का निर्वाह करे।

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