6 जून से अब स्कूल,पंचायत भवन एवं गांव के प्रसिद्ध स्थान पर लगेंगी खरीफ किसान पाठशाला,खेती का पाठ पढेंगे किसान

 

झांसी। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने अवगत कराया है कि भविष्य की बुनियाद रखने वाली पाठशालाओं में अब किसानों की क्लास भी लगेगी। सुबह बच्चे पढेंगे, तो शाम को 4 से 7 बजे के बीच किसान खेती की ककहरा सीखेंगे। विशेषज्ञ किसानों को भूमि के अनुसार खेती करने के साथ ही खाद, बीज और कम पानी में अधिक सिंचाई के टिप्स देंगे। किसानों को बताया जायेगा कि कम लागत में वे कैसे उन्नत खेती कर सकते है। इसके लिये स्कूली संसाधनों के साथ ही पंचायत भवन,गांव का प्रसिद्ध मंदिर या अन्य कोई सुविधाजनक स्थल का पूरा उपयोग किया जायेगा।बुन्देलखण्ड के अधिकांश किसान गेहूं की पैदावार करते है जबकि परिस्थितियों को देखते हुये विशेषज्ञ यहां दहलन और तिलहन की खेती करने की सलाह देते है। यही नही, अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिये किसान अन्धाधुन्ध उर्वरक का इस्तेमाल करते है, जिससे भूमि की उर्वरक क्षमता प्रभावित हो रही है। इससे अधिक लागत में कम उत्पादन प्राप्त होता है और किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन और प्रशासन ने किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प लिया है, जिसके लिये अनेक योजनायें चलाई जा रही है। प्रयासो के बावजूद बड़ा बदलाव न आता देख सरकार ने किसानों को दक्ष करने का निर्णय लिया है। इसके लिये सरकार ने खरीफ किसान पाठशाला का संचालन प्रारम्भ किया। इसके तहत प्रत्येक न्याय पंचायत की ग्राम पंचायतों में खरीफ पाठशाला आयोजित की जायेगी। जनपद में 64 न्याय पंचायत है। जिसके अंतर्गत 496 ग्राम पंचायतों में पाठशालायें आयोजित होगी। एक क्लास में 80 से 100 किसान ज्ञान प्राप्त करेंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि आयोजित खरीफ किसान पाठशाला में सहकारिता, विपणन, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन, रेशम, सौर ऊर्जा के साथ कृषि सम्बन्धी समस्त विभागों को शामिल किया जायेगा। अगर किसानों को किसी योजना का लाभ नही मिला है और वह पात्र है, तो उसकी समस्या का निराकरण भी पाठशाला में किया जायेगा।रबी व खरीफ सीजन में खुलने वाली किसान पाठशालाओं के लिये अलग से स्कूल नही खोला जाता है, बल्कि ग्राम पंचायतों की शासकीय पाठशालाओं सहित पंचायत भवन अथवा अन्य सार्वजनिक स्थलों का उपयोग किया जाता है। जनपद मे आयोजित होने वाले खरीफ किसान पाठशाला की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी नेह कहा कि पाठशाला। में विशेष रूप से किसानों को मिट्टी की जांच के आधार पर प्राप्त परिणामों के अनुसार मृदा स्वास्थ्य सुधार कराना, गो आधारित खेती को बढ़ावा देना, पर्यावरण संतुलन बनाने में वृक्षों की महत्ता के अतिरिक्त पराली प्रबंधन, कृषकों के तैयार जैविक खाद्यान उत्पादों की कृषक उत्पादन संगठन द्वारा विक्रय कर बिचौलियों से बचा कर उचित मूल्य दिलाए जाने तथा अन्य योजनाओका लाभ देने हेतु किसानों को कैसे प्राप्त हो कृषक के खेत पर पंजीकरण का लाभ दिलाने आदि की संपूर्ण जानकारी पाठशाला में दिए जाने साथ महिला कृषको में आत्म सम्मान बढ़ाया जाने हेतु अन्य क्रिया कलाप किए जाए। जिलाधिकारी ने खरीफ किसान पाठशाला को रुचिकर बनाए जाने के उद्देश्य निर्देषित करते हुए कहा कि कार्यक्रम में किसानों को कृषकों कि प्रश्नोत्तरी के द्वारा पुरस्कृत भी किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग पाठशाला में प्रतिभाग कर सके।जिलाधिकारी ने खरीफ किसान पाठशाला से संबंधित समस्त अधिकारियों को ताकीद करते हुए कहा कि आयोजित पाठशाला। में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी।आयोजन का सफल संचालन हेतु सभी तैयारियां समय से पूर्ण करने मुनादी के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को पाठशाला में आमंत्रित किए जाने के निर्देश दिए।

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