संवाददाता संदीप कुमार रेजा
झाँसी। प्रधानमंत्री एवं कृषि मंत्रालय, भारत सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के उद्धेश्य से विभिन्न योजनाएं चला रही है। जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। वर्तमान में भारत सरकार एवं राज्य सरकार ने किसान समूह बनाकर कृषक कार्य करने के लिए प्रेरित करने का काम किया है। जिसे किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) नाम दिया है। झाँसी जनपद में 47 किसान उत्पादन संगठन कार्य कर रहे हैं। इन एफपीओ का सीधा जुड़ाव किसानों से है। आज रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में किसान उत्पादन संगठन एवं कृषि विश्वविद्यालय के मध्य हुआ एकदिवसीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि जिला भूमि संरक्षण अधिकारी, झाँसी संजय कुमार रहे। कार्यक्रम संयोजक डॉ. तनुज मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत परिचय एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया। डॉ. तनुज मिश्रा ने एफपीओ सदस्यों को बुंदेली कृषि विपणन एप की विस्तृत जानकारी दी। निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एस एस सिंह ने किसान उत्पादन संगठनों से आये प्रतिनिधियों का परिचय प्राप्त किया एवं आज के संवाद कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि एफपीओ सदस्यों को जिस फसल में दक्षता है। उसमें विवि आपके साथ सांझा काम करेगा। समय-समय पर किसान-एवं-वैज्ञानिक संवाद स्थापित करेंगे। विवि से जुड़कर लाभ ले सकते हैं। खरीफ मक्का, कटिया गेहूँ, चना, सरसों, उर्द, मूंगफली, खरीफ प्याज, निम्बू वर्गीय फल, अंजीर, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, कृषि वानिकी जैसे मोरिंगा, नीम जैसे फसलों एवं वन-पौध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने किसान के खेतों में आशातीत प्रदर्शन किया है जिससे किसानों को समग्र एवं सीधे रूप से लाभ मिला हैं। विवि में मधुमक्खी पालन, केंचुआ खाद, एवं मशरूम उत्पादन में प्रशिक्षण द्वारा ग्रामीणों एवं युवाओं के मध्य सतत वैकल्पिक आय का श्रोत के रूप में कार्य किया जा रहा है। विश्वविद्यालय इन विषयों पर आवासीय प्रशिक्षण भी किसानों को प्रदान करता हैं। बकरी पालन प्रशिक्षण, विश्वविद्यालय में सुविधाएँ जैसे पोली हाउस एवं जल संचयन तकनीकों के माध्यम से किसानों के दक्षता को बढाया जा रहा हैं इससे वो अपना स्वयं का व्यवसाय की शुरुआत कर सके। डॉ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय मे नवार्ड के सहयोग से मोबाइल ऐप तैयार किया गया। इस ऐप के द्वारा उत्पादक समूह क्षेत्रीय स्तर व् राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर अपने उपभोक्ताओं तक जुड़ सकेंगे। जिससे इच्छुक उपभोक्ता आवश्यकतानुसार शुद्ध तथा स्थानीय कृषि उत्पाद ले सकेंगे। वे अपने उत्पादों को सूचीबद्ध कर उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकताओं और सुविधा के अनुसार आपूर्ति कर सकेंगे। बाजार/मंडी से सम्बंधित जानकारी ऐप के जरिये हासिल कर सकेंगे। विभिन्न कृषि संस्थानों के उन्नत तकनीकों एवं जानकारियों को हासिल कर सकेंगे। विश्वविद्यालय नियमित अन्तराल पर दैनिक एवं आवासीय प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। जिनमे सैधांतिक एवं व्यावहारिक जानकारी भी शामिल होती हैं। किसान एवं किसान समूह इन प्रशिक्षण से जुड़ कर व्यवसाय/ स्टार्ट-अप की शुरुआत कर सकते हैं। किसान या किसान समूह अपने उत्पादों से सम्बंधित जानकारी जैसे उन्नत एवं शुद्ध बीज, अपने उत्पादों हेतु बाजार की संभावना, आदि विषयों पर चर्चा एवं कार्य योजना पर संयुक्त रूप से कार्य कर सकते हैं। विश्वविद्यालय में उपलव्ध वैज्ञानिक तकनीकी जानकारी जैसे पोली – हाउस, फसल – फल – वानिकी कैफिटेरिया, जल संरक्षण आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ले सकते हैं। सबसे महात्वपूर्ण लाभ विचलियो को खत्म करके एफपीओ सीधे वाजार में अपना उत्पादन वेंच सकता हैं। जिला भूमि संरक्षण अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि कृषि विवि शिक्षा के साथ साथ किसानो के हित में अच्छा कार्य कर रहा है। किसानों को जीवन निर्वाह खेती से व्यवसायिक खेती में लाना जरूरी हैं। तभी किसानो की स्थिति ठीक होगी। इसके लिए एफपीओ और कृषि विवि को कार्य करना होगा। कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि विवि शिक्षा के साथ – साथ कृषि के क्षेत्र में विशेष कार्य कर रहर है। राज्य सरकार के सहयोग से झॉसी में 47 एफपीओ कार्य कर रहीं हैं। भारत सरकार के निर्देशन पर दस हजार एफपीओ और बनेंगी। इससे किसानों को काफी लाभ होगा। और यही एफपीओ अपनी-अपनी क्षमतानुसार बड़ी कम्पनी बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की मनसा है जिन किसान भाइयों के पास जमीन कम है तो वह एफपीओ के साथ जुड़कर कार्य करें तो लाभ अवश्य मिलेगा। आज की बैठक बुलाने का उद्धेश्य विवि एक-एक किसान के पास नई-नई तकनीकों की जानकारी नहीं पहुंचा सकता है। लेकिन किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) के द्वारा पहुंचाया जा सकता है। विवि जो भी नई तकनीक तैयार करेगा वह आप एफपीओ सदस्यों को उपलब्ध कराई जायगी। विवि के नए-नए बीजों का प्रयोग किसान उत्पादन संगठन एफपीओ के द्वारा किसानों के खेत पर किए जांयगे। विवि किसानों को एसएमएस, व्हाट्सएप के द्वारा कृषि संबंधी जानकारी देगा। और जो विवि एवं नाबार्ड के सहयोग से बुंदेली कृषि विपणन मोबाइल एप से आप अपनी उत्पादन का लाभ ले सकते हैं। इस अवसर पर दीपक कुशवाहा, डॉ शैलेन्द्र गुप्ता,डॉ संजीव कुमार, डॉ. आशीष गुप्ता, एफपीओ सदस्य मोहन यादव, पुस्पेन्द्र, विद्यासागर, राजकुमार, संदीप रेजा, धर्मेंद्र नामदेव गौमूत्र आधारित खेती के कृषक, कुंजविहारी शर्मा सहित कई सदस्य उपस्थित रहे। संचालन डॉ आशुतोष शर्मा ने एवं आभार डॉ. एस एस सिंह ने व्यक्त किया।