डाक विभाग में 64 लाख के गबन मे सीबीआई ने सोलह लोगों के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट,जांच शुरू

संवाददाता सार्थक नायक

 

इनमें आठ डाक कर्मी व अफसर भी शामिल

 

डाकघर एवं उप डाकघरों में बोगस खाते खुलवाकर किया गया फर्जीवाड़ा

 

 

झांसी/लखनऊ। झांसी मंडल के डाकघरों में करीब 64 लाख के गबन के मामले में सीबीआई ने लखनऊ में डाक विभाग के आठ अफसरों और कर्मचारी समेत कुल सोलह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सभी पर बाेगस खाते खुलवाकर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।करीब एक साल पहले डाक विभाग में बचत खातों के जरिए 64 लाख के गबन का भंडाफोड़ हुआ था। प्रवर अधीक्षक बीके पांडेय ने गबन की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी। केंद्र सरकार की इजाजत मिलने के बाद सीबीआई ने मंगलवार को इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई। प्रवर अधीक्षक बी के पांडे ने कुछ माह पहले जांच कराई थी। इसमें तत्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत करके बोगस खाते खुलवाने और करीब 64 लाख रुपये निकालकर आपस में बांट लेने की पुष्टि हुई थी।फर्जीवाड़े में सात बैंक खाते भी सामने आए थे। अभी कई अन्य चेकों का परीक्षण चल रहा है।

 

डाक विभाग के अफसरों का कहना है कि जांच पूरी होने तक गबन की रकम बढ़ भी सकती है। सीबीआई ने तत्कालीन प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर एवरन सिंह, तत्कालीन डाक सहायक अरविंद पटेल, तत्कालीन डिप्टी पोस्टमास्टर एके शांडिल्य, तत्कालीन कार्यवाहक सीनियर पोस्टमास्टर रशीद खान मंसूरी, तत्कालीन उपडाकपाल हरदास वर्मा, तत्कालीन डाक सहायक अशोक कुमार, बचत अभिकर्ता मो. रहीस, बचत अभिकर्ता प्रतिपाल सिंह समेत हंसारी निवासी रवि कुमार, बाहर दतिया गेट निवासी खाता धारक अरुण कुमार, बाहर दतिया गेट निवासी ए कुमार, सदर थाना पीछे निवासी अरुण कुमार, बाहर दतिया गेट निवासी अनिल राजपूत एवं भट्टागांव निवासी अनिल के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 409्र 467, 468 समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

 

 

डाकघर के छह बचत खातों के जरिये खेला गया करोड़ों के गोलमाल का खेल

 

महज सौ रुपये जमा करके खोले गए थे यह सभी खाते,पकड़ा जा चुका 64 लाख का गबन अभी कई खातों की चल रही जांच,1.30 लाख रुपये जमा करने के बाद फर्जीवाड़ा करके निकाल लिए 37. 06 लाख

 

डाकघर में करोड़ों रुपये के गबन वाले खेल की शुरुआत 2 फरवरी 2016 को उपडाकघर झांसी से हुई थी। यहां तैनात डाक कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने मिलीभगत कर फर्जी नाम एवं पते पर बोगस खाते खुलवाए। उस समय सभी कुछ मैनुअल तरीके से चलता था। चेक भी मैनुअल तरीके से पास होते थे। इन लोगों ने बचत खाते में मामूली रकम जमा की। मैनुअल तरीके से बचत खाते में रकम की इंट्री कर दी। उसके बाद कूटरचित चेक बनाकर कई गुना अधिक रकम निकाल ली। शुरुआती जांच में छह बचत खाते सामने आए हैं। इनसे कुल करीब 64 लाख रुपये के गोलमोल की पुष्टि हो चुकी है जबकि अन्य बचत खातों की जांच अभी चल रही है। जांच पूरी होने के बार यह रकम कई गुना अधिक बढ़ सकती है।

 

सीबीआई के हाथ छह बचत खातों से जुड़े दस्तावेज आए हैं। सबसे अधिक पैसा उपडाकघर झांसी में खुलवाए बचत खाता संख्या 43,3797 से निकाला गया। यह खाता दतिया गेट निवासी अरुण कुमार तिवारी के नाम से 2 फरवरी 2016 को सौ रुपये जमा करके खुलवाया गया। इसमें दो फरवरी से 19 मई तक 1.30 लाख रुपये जमा किए गए। इसके बाद पांच चेक को कूटरचित तरीके से बनाते हुए एसबीआई शाखा से 37.06 लाख रुपये निकाल लिए गए। सदर बाजार डाकघर में बाहर दतिया गेट निवासी ए कुमार पुत्र शिवराम के नाम से खाता संख्या 3190125393 में 1.12 लाख रुपये जमा किए गए। यहां भी फर्जीवाड़ा करके 1.12 लाख के बजाय 21 लाख रुपये निकाल लिए गए। कैंट डाकघर में बाहर दतिया गेट निवासी अनिल राजपूत (खाता संख्या 3159358503) के नाम 1.01 लाख रुपये जमा हुए लेकिन, 7.24 लाख रुपये निकाल लिए। कचहरी उपडाकघर में बाहर दतिया गेट निवासी अरुण कुमार (खाता संख्या 3184599087) में फर्जीवाड़ा करके 29.81 लाख रुपये निकाल लिया। भट्टागांव स्थित डाकघर में भट्टागांव निवासी अनिल पुत्र रमेश प्रसाद के नाम 7.24 लाख रुपये, निकाल लिए गए।

 

डाक अधिकारियों का कहना है कि जांच की जा रही है। अभी अन्य खातों के भी सामने आने की उम्मीद है। यह रकम कई करोड़ में भी हो सकती है। उधर,सीबीआई की ओर से जांच शुरू होने के बाद से यहां डाकघर कर्मियोें के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *