सोमवार को भजपा संगठन की शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी एवं खनिज विभाग के अधिकारिय

संवाददाता सुनील/चन्द्रशेखर

सोमवार को भजपा संगठन की शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी एवं खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा पैमाइश होने तक डंप को बंद कराया गया था। लेकिन बेखौफ खनिज माफिया बिना पैमाइश के अवैध भंडारण को कम करने के लिए मंगलवार को बिना किसी उच्च अधिकारी की परमिशन लिए ट्रकों की लोडिंग चालू कर दी, इसकी सूचना जब शिकायत कर्ताओ को लगी तो मौके पर पहुँच कर अधिकारियों को अवगत कराया। अधिकारियों की दखलन्दाजी के बाद रात्रि करीब 11 बजे लोडिंग को बंद किया गया। तब तक कई दर्जन बड़े ट्रकों को लोड कर के निकाल दिया गया था।

तय सीमांकन से अधिक बालू का भंडारण

 

 

झाँसी के पूँछ थाना क्षेत्र में पुलिस परिवहन व खनिज विभाग के अधिकारी खनन माफियाओं पर मेहरबान है। पूँछ थाना क्षेत्र के ग्राम सिकंदरा में भारी भरकम बालू के डंप लगाए गए हैं। जिस पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उप जिलाधिकारी मोठ को ज्ञापन देते हुए बताया कि पूँछ में संचालित बालू के दो डंप लगाए गए है। जिनका भंडारण बेतवा नदी के एरच घाट से किया गया है। जबकि घाट संचालक को खनिज विभाग द्वारा सिर्फ पच्चीस हजार घन मीटर की रॉयल्टी मिली हुई थी, जोकि बालू घाट से ही ट्रको के माध्यम से बिक्री हो चुकी है, वही जनवरी व मई माह में घाट संचालक के खिलाफ थाना एरच में भी मामला पंजीकृत हुआ था। अब सवाल यह है की पच्चीस हजार घन मीटर की रॉयल्टी पर इतना भारी खनिज का भंडारण होना असंभव है। आरोप है कि भंडारण पर एन आर गाड़ियों की निकासी की जा रही है, तो वही जालौन व हमीरपुर जिले की रॉयल्टी को दिया जा रहा है।

 

 

 

शिकायत के बाद उप जिला अधिकारी मोठ खनिज विभाग के एक कर्मचारी के साथ बालू डंपर जांच करने पहुंचे जो भंडारण करता एक डंप को करीब चौरासी हजार घन मीटर व सिकंदरा डंप को चबालिस हजार घन मीटर साथ ही बताया कि डंप की पैमाइश खनिज सर्वेयर के द्वारा कराई जाएगी। जब तक यह डंप बंद रहेगा।

 

 

 

जगह-जगह लगे बालू के अवैध डंप….

 

 

मोठ तहसील क्षेत्र में सैकड़ों स्थानों पर बालू का अवैध डंप किया गया है। तहसील क्षेत्र में जिधर देखो उधर बालू के बड़े-बड़े ढेर लगे हैं। इसके अलावा तहसील क्षेत्र के मोठ, पूँछ अथवा कुछ गाँव भी इसमें शामिल है, हर जगह बालू का अवैध भंडारण किया गया है। सब कुछ जानने के बाद प्रशासन बेखबर है, नतीजतन अवैध रूप से डंप की गई इस बालू को कारोबारी बारिश ने ऊंची कीमत पर बेचकर मोटी रकम कमाएंगे।

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